एंटिफ्रैजीलिएंट OS: डेली नॉवशिफ्ट ट्रांसमिशन्स

ट्रॉमा आपके सोचने के तरीके को कैसे बदल देता है

Dr Abhimanyou Raathore Season 1 Episode 15

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ट्रॉमा केवल हमारे भावनात्मक स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि हमारी सोचने और निर्णय लेने की क्षमता को भी गहराई से प्रभावित करता है। डॉ. अभिमन्यु राठौर, एंटिफ्रैजीलिएंट ओपरेटिंग सिस्टम के संस्थापक, इस एपिसोड में बताते हैं कि ट्रॉमा के संज्ञानात्मक लक्षण कैसे हमारे विचारों, फैसलों और खुद के प्रति दृष्टिकोण को बदल देते हैं।

इस चौथे भाग में, वे सात प्रमुख लक्षणों की चर्चा करते हैं:

  • निर्णय लेने में कठिनाई या असमर्थता
  • लगातार आत्म-आलोचना
  • ध्यान और एकाग्रता में समस्या
  • भ्रम और मानसिक उलझन
  • स्मृति में खाली जगह या गैप्स
  • नकारात्मक या चिंताजनक विचारों में फंसे रहना
  • स्वयं के बारे में गहरे नकारात्मक विश्वास

डॉ. राठौर इन लक्षणों को कमजोरी नहीं, बल्कि जीवित रहने के लिए मस्तिष्क द्वारा विकसित सुरक्षा तंत्र के रूप में देखते हैं। जागरूकता के साथ, इन पैटर्न्स को समझना और बदलना संभव है।

🎧 एंटिफ्रैजीलिएंट OS: डेली नॉवशिफ्ट ट्रांसमिशन्स की ट्रॉमा सिम्प्टम्स मिनी सीरीज़ का यह चौथा भाग सुनें — Apple Podcast, Spotify और JioSaavn पर उपलब्ध।
अगले एपिसोड में हम ट्रॉमा के शारीरिक लक्षणों पर गहराई से चर्चा करेंगे।

डॉ. अभिमन्यु राठौड़ द्वारा प्रस्तुत पॉडकास्ट
सुनने के लिए धन्यवाद।

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Speaker 1:

आज आउगस्ट 13 तारिक 2025 है, मेरा नाम डॉक्टर अभिमन यूराथोर है और मैं आंटी फ्रिजिलियंट ओपरेटिंग सिस्टम का फाउंडर हूँ. आज की तरीक में हम बात कर रहे हैं, cognitive symptoms की, मतलब कि cognitive symptoms क्या होते हैं, यह होते हैं कि किस तरीके से अपने बारे में या दुनिया के बारे में सोचते हैं उसको कैसे shape करता है trauma अब चलो cognitive symptoms को थोड़ा हम आसान termsे information को process करते हैं हम किस तरीके से choices के बीच में choose करते हैं और हम किस तरीके से अपने आपको देखते हैं और इनके थोड़े common signs होता है inability to make decisions, मतलब कि अगर आपको जब भी choice आती है, जब भी रुझान आते हैं आपके सामने, तो क्या आप, मतलब कि ऐसा महसूस करते हो कि आप ये भी सोचते रहते हो, या गलती हो जाएगी, गलत चीज चूस कर लूँगा मैं, या कर लूँगी, सेकेंड हो गया, constant self-criticism, म आपकी जो mistakes हैं उनको point out कर रहा है और आप किस तरीके से you know you should be better उसकी तरफ point out कर रहा है फिर हो गया त भी task हो गया, conversation हो गया, या even वो activities जिनको आप enjoy करते हो, या करते थे, या enjoyable होती हैं, आप उनमें भी ध्यान नहींुत आसानी से आप मिक्स अप हो जाते हो चीजों में और आपको ये भी एंटायरली नहीं आता समझ में कि हो क्या रहा है चि क्या हुआ था and कई बार ये इसले भी होता है क्योंकि दिमाग आपको जो painful recall है उसे बचाने की कोशिश कर रहा है छटा�ार बार बार सोचते रहते हो और आप उस लूप को तोड़ ही नहीं पाते हो। साथवा हो गया जो लास्ट है नेगेटिव बिलीफ्स अबाउट स जब दूसरे आपकी एहमियत को समझते हैं उसके बावजूद, देखो अगर इन में से कोई भी पैटर्न आपको familiar लगता है, आस awareness के साथ इस जाकरुकता के साथ आप ये जो चीज है इसको shift करना चालू कर सकते हो ठीक है अपने related यूज स्मिटम्स है कि किस तरीके से trauma हमारे शरीर के थूँ हमसे बात कर सकता है हम उसके बारे में जानेंगे बताईएगुरू से लेकर आखिर तक अगर आप एक एक episode भी रोज सुन ले तो कहीं न कहीं आपकी जिन्दगी बहतर होनी चालो जाएगी दब रहे हैं ठीक है वो मेरा उद्देश है बताईएगा कि ऐसे सेशन्स चल रहे हैं और मैं आपसे कल दुबारा मिलूँगा धन्यवा