
एंटिफ्रैजीलिएंट OS: डेली नॉवशिफ्ट ट्रांसमिशन्स
हर सुबह, गहन ध्यान के बाद, Dr. Abhimanyou Raathore — एक अनुभवी क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, फंक्शनल मेडिसिन प्रैक्टिशनर, और Antifragilient OS के निर्माता — एक ऊर्जा-समृद्ध ट्रांसमिशन साझा करते हैं, जो आंतरिक और बाहरी रूपांतरण के लिए समर्पित है।
इन ट्रांसमिशन्स की जड़ें स्वयं अनुभव में हैं — बर्नआउट, बीमारी, और जीवन की गहराइयों से उभरकर पाए गए उत्तरों में।
हर एपिसोड एक वैज्ञानिक स्पष्टता और आध्यात्मिक समर्पण से भरा हुआ कोड है — जो न केवल मानसिक ऊर्जा को स्थानांतरित करता है, बल्कि आत्मा को भी स्पर्श करता है।
यह कोई प्रेरणादायक भाषण नहीं है।
यह एक आह्वान है — आत्मा की ओर लौटने का, छः शरीरों को पुनर्संरेखित करने का, और जीवन को अपने पूर्ण सामर्थ्य व शांति की लय में जीने का।
Antifragilient OS के ये दैनिक ट्रांसमिशन्स उन लोगों के लिए हैं जो थक चुके हैं, जागने की प्रक्रिया में हैं, या अपनी सर्वोच्च क्षमता में जीना चाहते हैं।
यह है NowShift — वह क्षण जहाँ सब कुछ बदलने लगता है।
🎧 रोज़ सुनें।
शब्दों को अपने भीतर उतरने दें।
मौन को आपको पुनः संपूर्ण करने दें।
एंटिफ्रैजीलिएंट OS: डेली नॉवशिफ्ट ट्रांसमिशन्स
जब आपका शरीर आपसे बात करता है, तो सुनिए
(एपिसोड 5/7: ट्रॉमा सिम्प्टम्स मिनी सीरीज़)
हमारा शरीर हमेशा हमसे संवाद करता है। कभी पीठ दर्द बनकर, कभी सिरदर्द, तो कभी थकान या नींद न आने की समस्या बनकर। सवाल यह है — क्या हम उसकी भाषा सुन पाते हैं?
एंटिफ्रैजीलिएंट OS: डेली नॉवशिफ्ट ट्रांसमिशन्स के ट्रॉमा सिम्प्टम्स मिनी सीरीज़ के पाँचवे एपिसोड में, डॉ. अभिमन्यु राठौर बताते हैं कि कैसे अनसुलझे भावनात्मक घाव हमारे शरीर में संग्रहित होकर शारीरिक लक्षणों के रूप में सामने आते हैं।
- क्रोनिक थकान
- सिरदर्द और माइग्रेन
- पाचन संबंधी समस्याएँ
- अनिद्रा और नींद विकार
- भूख में बदलाव
- अजीब या अनजानी शारीरिक संवेदनाएँ
इन सभी लक्षणों के पीछे छिपी है एक गहरी कहानी। डॉ. राठौर मेटाफिजिकल एनाटॉमी और बायोडिकोडिंग के नज़रिए से बताते हैं कि शरीर के ये संकेत वास्तव में हमारी अनकही भावनाओं और संघर्षों का आईना हैं।
यह एपिसोड आपको यह समझने में मदद करेगा कि आपका शरीर केवल तकलीफ़ नहीं दे रहा, वह आपको एक संदेश दे रहा है। जब हम इन संदेशों को सुनना शुरू करते हैं, तभी असली उपचार की प्रक्रिया शुरू होती है।
अगले एपिसोड में हम समझेंगे कि ट्रॉमा हमारे इंद्रियों के अनुभव को कैसे बदल देता है — और यह हमारे दैनिक जीवन को किस तरह प्रभावित करता है।
डॉ. अभिमन्यु राठौड़ द्वारा प्रस्तुत पॉडकास्ट
सुनने के लिए धन्यवाद।
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आज आगस्ट 14, 2025 है, मेरा नाम डॉक्टर अभिमन्य राठोर है और मैं अंटी फ्रिजिलियंट ओपरेटिंग सिस्टम का फाउंडर हूँ. आज का तरफ जाते हैं इस सीरीज में, मिनी सीरीज में और जैसे मैंने आपको पिछली बार बोला था आज हम बात करेंगे physical या somatic symptoms की soma मतलब और वो अपने आप को या हमें कैसे बताता है कि वो ट्रामा है वहाँ पे हेल्थ चैलेंजेस द्वारा, टेंशन द्वारा, दर्द द्वा�ा somatic symptom ये simple terms में होता क्या है देखो trauma सिर्फ आपकी thoughts में आपकी दिमाग में नहीं रहता आपकी शरीर को भी trauma याद रहता है कई बार दिमाग से भर ये जो physical sign होते हैं ये वो तरीके हैं जिससे आपका जो शरीर है वो आपसे communicate करने की कोशिश कर रहा है आपसे वार्तालाप करने की कोशिश कर रह जो तरीका होता है, या पहला वो जो expression हो�रूर होता है और metaphysical terms में अगर हमी एक body of knowledge है बहुत interesting और अगर हम उसके terms में बात करें तो फिर इसका मतलब हो सकता है कि self rejection का pattern है आपकी जिंदगी में और inner conflict का pattern है। दूसरा हो ग मले कि धीट दर्द है आपकी कमर में, आपकी पीठ में, जो स्कैन और टेस्ट कभी ढंग से एक्स्प्लेन ही नहीं कर पाते, बता ही नहीं पाते, �त्मक तरीके से अपनी emotional life में बहुत ज़ादा आप बोज़ा लेके ढो रहे हो, तो पींठ में द रहा होता है, फिर हो गया headaches, अगर बार-बार tension headache आ रहा है, या migraine आ रहा है, तो biodecoding, जैसे metaphysical anatomy के बारे में मैंने आपको बताया, उसी हिसाब से बायो डिकोडिंग भी एक body of knowledge है, जो बोलती है कि ये कहीं ना कहीं unexpressed emotions, mental overload और self pressure की तने में या सोते रहने में, तो कहीं न कहीं ये दिक्कत ही हो रही है कि आपका nervous system जो है वो हमेशा guard पे रहता है रात को भी, फिर छटके digestive discomfort है, bloating है, irregularity है, कभी dust लग जाता है, कभी कब्ज हो जाता है, कुछ ऐसी चीज़ें होती हैं, तो ये जो आपकी gut है, आपकी जो तनाव है, stress है, ठीक है, वो unresolved है और वो कहीं न कहीं आपके डर को भी छुपा के बैठा हुआ है या पकड़ के बैठा हुआ है सात्वा हो ये शरीर का तरीका है शट डाउन करने का जब emotions बहुत चादा भारी हो जाते हैं फिर आठवा हो गया unexplained physical symptoms मतलब कि ऐसी चीज़ें जिसका कोई medical cause आपको समझ में नहीं आ रहा तो ये body के hidden messages हैं जो आपको बोलते हैं आपको बोल रहे हैं बोलने की कोशिश कर रहे हैं कि थो जो body of knowledge है, वो क्या करती है? वो यह बताती है कि physical symptom कहीं ना कहीं messenger है, वो कभी random तरीके से एकदम से आपकी जिंदगी में कहीं से टपक नहीं पइव करने के पैटर्न की कहानी बता रहा होता है और अगर आपने इनकी भाषा सीख ली तो जड से चीजें ठीक करने की ट्रॉमाकीकत यह है कि आपका शरीर हमेशा कमिनिकेट कर रहा होता है, कभी वो विस्पर्स में बता रहा होता है, कभी वो चीक चीक के में हम बात करेंगे sensory symptoms के बारे में कि कैसे trauma इस चीज़ को बदल देता है कि आप किस तरीके से दुनिया को experience करते हो आपके senses के थूँ मैं लात करेंगे बताईएगा आपको ये सेशन्स ये एपिसोड्स कैसे लग रहे हैं